पंचायतों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए सरकार का कड़ा फैसला
गुजरात सरकार ने राज्य की पंचायती संस्थाओं को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए अत्यंत कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने एक नया राजपत्र (Gazette) जारी किया है, जिसके तहत अधिकारियों को अभूतपूर्व शक्तियां दी गई हैं। नए प्रावधान के अनुसार, अब से ग्राम पंचायत, तालुका पंचायत या जिला पंचायत के अध्यक्ष सहित किसी भी निर्वाचित पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होगा, तो जिला विकास अधिकारी (DDO) उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटा सकेंगे।
इस निर्णय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, भ्रष्टाचार की जांच और कार्रवाई करने की संपूर्ण शक्ति DDO और उनसे ऊपर के अधिकारियों को सौंप दी गई है। इससे तालुका और जिला पंचायत के अध्यक्षों जैसे उच्च पदों पर बैठे प्रतिनिधियों के खिलाफ भी निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। पंचायती राज के इतिहास में पहली बार, अब भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए किसी जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी। अधिकारी केवल सादे आवेदन या मिली हुई मौखिक सूचना के आधार पर भी भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर सकेंगे। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति को स्पष्ट करता है।

