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कश्मीर में ‘ड्रग्स-मुक्त’ भविष्य की नई सुबह: गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के साथ 20,000 युवाओं ने ली शपथ

सात साल के लंबे अंतराल के बाद, वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और तनाव-मुक्त, हिंसा-मुक्त और ड्रग्स-मुक्त कश्मीर के संदेश के साथ कश्मीर पहुंचे। श्रीनगर (Srinagar) के बख्शी स्टेडियम में आयोजित “एडयूयूथ मीट” में 50 कॉलेज और चार विश्वविद्यालयों के 20,000 से अधिक छात्रों ने गुरुदेव की उपस्थिति में ड्रग्स-मुक्त कश्मीर बनाने का संकल्प लिया।

गुरुदेव का स्वागत जम्मू और कश्मीर सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (IAS) श्री शांतमानु द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम जम्मू और कश्मीर सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं के बीच बढ़ती नशे की लत (Drug Addiction) के गंभीर चुनौती के बारे में जागरूकता लाना था।

छात्रों, स्टाफ और प्रमुख शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए, गुरुदेव ने कहा, “हम कश्मीर को ड्रग्स से मुक्त देखेंगे। मेरा हमेशा से सपना रहा है एक हिंसा मुक्त समाज, रोग मुक्त शरीर, दुविधा मुक्त मन, बाधा मुक्त बुद्धि और दुख मुक्त आत्मा।” उन्होंने आगे कहा कि यह हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है और वह हर चेहरे पर ऐसी मुस्कान देखना चाहते हैं जिसे कोई छीन न सके।

व्यसन की समस्या का प्रभावी समाधान समझाते हुए, गुरुदेव ने कहा, “इसका रहस्य अपनी सांसों में छिपा है। अपनी सांस, ध्यान (Meditation) और विशिष्ट व्यायामों की शक्ति का उपयोग करके, कोई भी व्यक्ति आसानी से व्यसन (Addiction) को दूर कर सकता है।” उन्होंने कहा कि ध्यान कश्मीर के लिए कोई अनजान चीज़ नहीं है, बल्कि यह इसका प्राचीन विरासत (Ancient Heritage) है।

गुरुदेव ने कहा कि “हम सब एक ज्योति के अंश हैं।” उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव (Communal Harmony) का आह्वान करते हुए कहा, “जीवन बहुत छोटा है। प्यार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है, तो हमें संघर्ष में क्यों पड़ना चाहिए?”

अपने दौरे के दौरान, गुरुदेव ने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के सात कुलपतियों (Vice Chancellors) और 30 प्रमुख कॉलेजों के प्रिंसिपलों के साथ बातचीत की। दिन का अंत उन्होंने जम्मू और कश्मीर के माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) श्री मनोज सिन्हा से मुलाकात के साथ किया।

अगले दिन, 12 नवंबर को, गुरुदेव ने श्रीनगर सेंट्रल जेल (Central Jail) का दौरा किया, जहां कैदी आर्ट ऑफ लिविंग के जेल कार्यक्रम (Prison Program) में भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में सिखाई जाने वाली सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya) कैदियों को गहरे तनाव, गुस्सा और अपराधबोध से मुक्त होने में मदद करती है, जिससे उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन (Positive Change) आता है।

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