मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेलने 1500 से अधिक वकीलों को दिए नोटरी प्रमाण पत्र
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में 1500 से अधिक नव-चयनित एडवोकेट्स (Advocates) को नोटरी (Notary) के रूप में प्रमाण पत्र (Certificates) प्रदान किए। गांधीनगर में गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (GNLU) में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य में ई-नोटरी सिस्टम (E-Notary System) को विकसित करने के लिए ‘नोटरी पोर्टल (Notary Portal)’ भी लॉन्च किया।
उपमुख्यमंत्री श्री हर्ष संघवी और कानून राज्य मंत्री श्री कौशिक वेकरिया भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में “जस्टिस टू ऑल, अपीजमेंट टू नन” (Justice to All, Appeasement to None) का मंत्र साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के सतत विकास (Sustainable Development) के लिए कानून का शासन एक महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं में विश्वास, सुरक्षा और ईमानदारी स्थापित करके विकास को गति देने में नोटरी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
नोटरी पोर्टल के लाभ:
- डिजिटलीकरण (Digitization): नोटरी की नियुक्ति और आवेदन की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन (Online) हो जाएगी।
- दस्तावेजों की प्रामाणिकता: कानूनी प्रणाली और अर्थव्यवस्था में विश्वास (Confidence) बनाने के लिए दस्तावेजों की प्रामाणिकता (Authenticity) सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी नोटरी की है।
- समय और ऊर्जा की बचत: दस्तावेज अपलोड करने और आवेदन की स्थिति जानने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से समय और ऊर्जा की बचत होगी, जिससे कार्यक्षमता (Efficiency) बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से नोटरी की सभी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण होने से कागज़ का उपयोग घटेगा और पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) को बढ़ावा मिलेगा। उपमुख्यमंत्री श्री हर्ष संघवी ने कहा कि गुजरात के इतिहास में यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में (1500 से अधिक) वकीलों को नोटरी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि गुजरात में नोटरी के 2,900 पदों की संख्या को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 6,000 कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने न्यायिक प्रक्रिया की सफलता पर बात करते हुए बताया कि गुजरात में पोक्सो मामलों (POCSO Cases) में 24 घंटे के भीतर चार्जशीट फाइल करने में सफलता मिली है। उन्होंने गौहत्या कानून का उल्लेख करते हुए अमरेली में गौहत्या के एक दोषी को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सज़ा दिए जाने के हालिया फैसले को भी ऐतिहासिक बताया।

