गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव टलेंगे: मतदाता सूची सुधार और किसान रोष के कारण अप्रैल-मई तक विलंब की संभावना
गुजरात में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Elections) तय समय पर होने की संभावना कम है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब ये चुनाव अप्रैल-मई महीने तक स्थगित (Postponed) हो सकते हैं। इस विलंब के पीछे मुख्य कारण राज्य में चल रहा मतदाता सूची सुधार अभियान (Voter List Revision) बताया जा रहा है।
पूरे राज्य में मतदाता सूची की सफाई का काम चल रहा है, जिसकी अंतिम सूची (Final List) फरवरी के अंत तक प्रकाशित होगी। इसके अलावा, ‘SIR’ (Special Intensive Revision) के काम में 50 हजार से अधिक शिक्षक और सरकारी कर्मचारी (Government Employees) लगे हुए हैं। जब तक मतदाता सूची का यह काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक चुनाव कराना संभव नहीं है।
चुनावों के टलने के पीछे राजनीतिक कारण (Political Reasons) भी माने जा रहे हैं। हाल ही में बेमौसम बारिश (Unseasonal Rain) के कारण किसानों को दी गई कृषि राहत सहायता में कम मुआवज़े (Less Compensation) का मुद्दा राज्य में गरमाया हुआ है, जिससे किसानों में सरकार के प्रति असंतोष है।
सरकार अनुकूल माहौल का इंतजार कर रही है, ताकि सत्ताधारी पार्टी को किसानों के रोष का सामना न करना पड़े। यदि चुनाव अप्रैल-मई तक टलते हैं, तो बीजेपी (BJP) सरकार को फायदा हो सकता है, जबकि विपक्षी दल (Opposition Parties) का मानना है कि वर्तमान माहौल उनके लिए अनुकूल है। कांग्रेस (Congress) ने तो राज्य में 60 लाख से अधिक संदिग्ध मतदाताओं के होने का आरोप भी लगाया है।
यदि स्थानीय निकाय चुनावों में देरी होती है, तो राज्य की कई पंचायतों और नगर पालिकाओं (Municipalities) में एक-दो महीने के लिए प्रशासक (Administrator) का शासन स्थापित हो सकता है। ऐसे में कॉर्पोरेटर (Corporator) बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

