ગાંધીનગર

Gandhinagar के पालज गांव में वन्यजीव का हमला: वन विभाग ने लगाया पिंजरा

गांधीनगर के पास साबरमती नदी किनारे स्थित पालज गांव के खेतों में बंधी भैंस की दो पड़ियों (Calves) पर एक वन्यजीव (Wild Animal) ने हमला कर उन्हें मार डाला है। इस घटना के बाद वन विभाग (Forest Department) सक्रिय हो गया है। विभाग ने पूरे इलाके की गहन जांच की है, हालांकि विशेषज्ञों (Experts) का मानना है कि यह हमला तेंदुआ (Leopard) या बिल्ली प्रजाति के किसी अन्य जानवर द्वारा नहीं किया गया है।

गांधीनगर की ऊर्जा रेंज के अधिकारी और वनकर्मियों ने पालज गांव के खेतों और आस-पास के क्षेत्र का दौरा किया। उन्हें मौके से पदचिह्न (Footprints) मिले।

  • विशेषज्ञों की राय: वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स (Wildlife Experts) का मानना है कि मिले पदचिह्न तेंदुए या बिल्ली परिवार (Cat Family) के जानवर के नहीं हैं, बल्कि ये डॉग फैमिली (Dog Family) के किसी जानवर के हो सकते हैं।

  • शिकार की थ्योरी: वन्यजीव की थ्योरी के अनुसार, शिकारी जानवर शिकार करने के बाद मारा हुआ मांस (Carcass) खाने के लिए अक्सर उसी जगह पर वापस आता है।

इसी थ्योरी (Theory) के आधार पर, शिकारी जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग ने घटनास्थल पर चारा/मांस (Bait) के साथ एक पिंजरा (Cage) लगा दिया है।

जिला उप वन संरक्षक (DFO) रविराजसिंह राठौड़ और उनकी टीम ने भी खेतों का निरीक्षण किया। डीएफओ (DFO) ने शिकारी जानवर की तलाश के लिए सुबह जल्दी और रात में भी गांव के खेतों और जंगल क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन (Search Operation) जारी रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, गांव के बाहरी हिस्से में स्थित डंपिंग एरिया (Dumping Area), जहाँ मृत जानवर फेंके जाते हैं, वहाँ भी जांच और पदचिह्नों की तलाश करने को कहा गया है।

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