ગાંધીનગરગુજરાત

Gujarat: निचली अदालतों में एक साल में क्रिमिनल केसों में 3.44 लाख की भारी बढ़ोतरी

गुजरात (Gujarat) की निचली अदालतों (Lower Courts) में एक साल के भीतर क्रिमिनल केसों (Criminal Cases) में 3.44 लाख की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। क्रिमिनल केसों में यह बढ़ोतरी गुजरात में अपराध दर (Crime Rate) के बढ़ते हुए स्तर को दर्शाती है। इसके विपरीत, वर्ष 2024 की तुलना में 1 दिसंबर 2025 तक सिविल केसों (Civil Cases) में लगभग 15,000 की कमी आई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुजरात की निचली अदालतों में पिछले वर्ष 1 दिसंबर तक 12,36,524 क्रिमिनल केस थे, जो 1 दिसंबर 2025 तक बढ़कर 16,08,271 हो गए हैं। इस तरह, क्रिमिनल केसों में 3,44,837 की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान निचली अदालतों में क्रिमिनल केसों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल (West Bengal) 4.33 लाख की बढ़ोतरी के साथ शीर्ष पर है, गुजरात (Gujarat) दूसरे और महाराष्ट्र (Maharashtra) 3.37 लाख की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर है। इस स्थिति से यह भी कहा जा सकता है कि गुजरात की निचली अदालतों में प्रतिदिन औसतन 1028 केस दर्ज होते हैं। दुख की बात यह है कि गुजरात की निचली अदालतों में 27 क्रिमिनल केस 30-40 साल से और 1 केस 40-50 साल से लंबित (Pending) हैं। दूसरी ओर, सिविल केसों की संख्या 1 दिसंबर 2024 तक 3,54,727 थी, जो 1 दिसंबर 2025 तक घटकर 3,39,045 हो गई है। इस प्रकार, सिविल केसों में एक साल में 15,682 की कमी दर्ज की गई है। हालाँकि, गुजरात की निचली अदालतों में 156 सिविल केस 30-40 साल से, जबकि 6 केस 40-50 साल से लंबित हैं।

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