Ahmedabad में साइबर फ्रॉड: CBI अधिकारी बनकर 77 वर्षीय पूर्व मैनेजर से ₹20 लाख की ठगी
अहमदाबाद (Ahmedabad) में साइबर ठगी (Cyber Fraud) का एक और गंभीर मामला दर्ज किया गया है। यहाँ नकली CBI (सीबीआई) अधिकारी बनकर ठगों ने एक 77 वर्षीय सेवानिवृत्त मैनेजर को चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) और अवैध जुआ (Illegal Gambling) के झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दी और उनसे ₹20,53,986 रुपये ठग लिए। धोखाधड़ी (Fraud) की शुरुआत तब हुई जब वृद्ध को एक अनजान व्यक्ति ने फ़ोन करके उनके मोबाइल नंबर (Mobile Number) और जियो फ़ाइबर (Jio Fiber) सर्विस बंद करने की धमकी दी। इसके बाद, मुंबई (Mumbai) क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर उन्हें डराया गया कि उनके ख़िलाफ़ कई गंभीर अपराधों (Crimes) में केस (Case) दर्ज किया गया है, और तो और, उन्हें एक नकली ईडी (ED) लेटर (Letter) भी भेजा गया। इस पूरे षड्यंत्र के कारण घबराए हुए वृद्ध ने यह बड़ी रक़म ट्रांसफर (Transfer) कर दी, जिसके बाद उन्होंने सैटेलाइट इलाके के पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
ठगों ने एक जटिल जाल बिछाया, जिसमें सबसे पहले व्हाट्सएप कॉल (WhatsApp Call) पर जियो कंपनी के ‘कार्तिक यादव’ नामक एक शख्स ने सर्विस बंद करने की धमकी दी। तुरंत बाद, कॉल को नकली CBI अधिकारी ‘शंकर सुरेश पाटिल’ को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसने बताया कि उनके आधार कार्ड (Aadhaar Card) का दुरुपयोग करके ‘सुरेश अनुराग’ नामक व्यक्ति ने अवैध बैंक अकाउंट (Illegal Bank Account) खुलवाया है और उनके नंबर का उपयोग चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसी गंभीर गतिविधियों में हुआ है। मामले को और विश्वसनीय बनाने के लिए, ‘आनंद राणा’ नामक एक अन्य ठग ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का एक नकली लेटर भेजा और व्हाट्सएप वीडियो कॉल (Video Call) के ज़रिए पुलिस की वर्दी (Uniform) में एक नकली CBI अधिकारी से बात करवाई। ठगों ने वृद्ध को लगातार धमकाना जारी रखा और उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए भी उनकी अनुमति (Permission) लेने को मजबूर किया, जिससे वे पूरी तरह से ठगों के नियंत्रण (Control) में आ गए। बाद में, ठग आनंद राणा ने FEMA और PMLA जैसे कानूनों के तहत और अपराध लगने का डर दिखाकर, ‘प्रायोरिटी इन्वेस्टिगेशन’ (Priority Investigation) के बहाने बड़ी रक़म ट्रांसफर करने का दबाव डाला।

