ગુજરાત

गुजरात में आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति में बड़ा अंतर: पोस्ट-मैट्रिक लाभार्थियों में ४८% की गिरावट

गुजरात में प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में एक बड़ा अंतर सामने आया है। वित्तीय वर्ष २०२२-२३ से २०२४-२५ के दौरान, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की संख्या की तुलना में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लाभार्थियों में ४८% की कमी देखी गई है।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, गुजरात में ६.३५ लाख आदिवासी छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति मिली थी, जबकि इसी अवधि में, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ उठाने वाले छात्रों की संख्या केवल ३.२८ लाख थी।

यह अंतर जिला स्तर पर भी स्पष्ट है। अहमदाबाद जिले में ४२,८४५ छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति मिली, जबकि पोस्ट-मैट्रिक में यह संख्या घटकर केवल २,७२७ रह गई। इसी तरह, बनासकांठा में ५१,७०१ छात्रों ने प्री-मैट्रिक का लाभ उठाया था, जो पोस्ट-मैट्रिक में घटकर १०,६७५ हो गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि उच्च शिक्षा में आदिवासी छात्रों की संख्या में बड़ी गिरावट हो रही है।

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