ગાંધીનગર

थाईलैंड के रास्ते अवैध रूप से म्यांमार ले जाकर ‘साइबर गुलामी’ कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश

गुजरातियों और भारतीयों को विदेश में नौकरी के बहाने अवैध रूप से म्यांमार ले जाकर उनसे ‘साइबर गुलामी’ (Cyber Slavery) कराने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश गुजरात साइबर सेंटर फॉर एक्सीलेंस (Gujarat Cyber Center for Excellence) द्वारा किया गया है। पुलिस ने इस मामले में पोरबंदर के हितेश सोमैय्या नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो डेढ़ साल बाद भारत आया था। साइबर क्राइम सेल के SP डॉ. राजदीप सिंह झाला ने बताया कि, यह गिरोह भारतीयों को पहले थाईलैंड ले जाता था और वहां से मोई नदी पार कराकर अवैध रूप से म्यांमार भेज देता था। म्यांमार में एक ऑफिस चलाकर इन लोगों को साइबर फ्रॉड के काम के लिए गुलाम बनाया जाता था। SP डॉ. झाला ने आगे बताया कि, आरोपियों और लौटे हुए लोगों के बयान के अनुसार, थाईलैंड में चीनी ड्राइवर उन्हें लेने जाते थे और वहीं नदी के रास्ते पर उनसे पूछा जाता था कि ‘नौकरी करोगे या भारत वापस लौटोगे।’ यदि नौकरी का विकल्प चुनते, तो उन्हें गुलाम बना लिया जाता था।

इस रैकेट में अलग-अलग यूनिट्स बनाए गए थे, जिसमें भारतीयों से उनके टारगेट के अनुसार काम कराया जाता था। वे होमसेक कंपनी के माध्यम से सैलून, स्पा और कैसीनो के कमेंट सेक्शन में पैसे वाले लोगों की स्टडी करके उन्हें निशाना बनाते थे। आरोपी AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग करके वीडियो बनाते थे और फेसबुक के जरिए संपर्क करके लोगों को विश्वास में लेकर क्रिप्टो में इन्वेस्टमेंट करवाते थे। पुलिस ने सलाह दी है कि टूरिस्ट वीजा पर गए लोग यदि 21 दिन या एक महीने में वापस न आएं, तो उनका फॉलोअप लिया जाना चाहिए।

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