गुजरात में ‘दोहरी ऋतु’ का कहर: स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा
गुजरात में पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा से चल रही हवाओं के कारण धीरे-धीरे सर्दी (Winter) का आगमन हो रहा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण इस बार लोगों को ‘दोहरी ऋतु’ का एहसास हो रहा है। सुबह के समय गुलाबी ठंड और दोपहर में तेज़ गर्मी के कारण लोगों के स्वास्थ्य (Health) पर बुरा असर पड़ रहा है।
राज्य के अधिकांश शहरों में सुबह और दोपहर के तापमान (Temperature) के बीच 17 से 18 डिग्री सेल्सियस का भारी अंतर दर्ज किया गया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अमरेली में सुबह सबसे कम 13.2°C तापमान दर्ज हुआ, जबकि राजकोट में दोपहर का तापमान 18.2°C बढ़कर 33°C तक पहुंच गया, जो राज्य में सर्वाधिक था।
तापमान में यह अचानक और तीव्र उतार-चढ़ाव मानव शरीर के लिए हानिकारक (Harmful) है। औसतन, पारा प्रति घंटे लगभग 2°C ऊपर चढ़ रहा है। इस तेजी से बदलते तापमान के कारण वायरल सर्दी-खांसी, श्वसन संबंधी समस्याएं (Respiratory Issues) और यहां तक कि हृदय रोग (Heart Disease) का खतरा भी बढ़ रहा है। कई शहरों में तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया है।
तापमान की इस उथल-पुथल के साथ ही हवा भी अधिक शुष्क (Dry) हो गई है। दिन के दौरान आर्द्रता (Humidity) का स्तर घटकर 30 से 40 प्रतिशत के आसपास रह गया है, जिसके कारण लोगों को त्वचा के सूखने (Skin Dryness) का एहसास हो रहा है, जिससे चर्म रोग (Skin Diseases) की आशंकाएं भी बढ़ गई हैं।
जहां यह मौसम आम जनता के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है, वहीं यह किसानों (Farmers) के लिए एक तरह से फायदेमंद (Beneficial) साबित हो सकता है। पिछली बेमौसम बारिश (Mavatha) में भीगी हुई मूंगफली समेत अन्य कृषि जिंसें (Agricultural Commodities), अगर अंकुरित नहीं हुई हैं, तो इस शुष्क हवा (Dry Air) में वे तेजी से सूख जाएंगी और जल्द ही बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाएंगी। मौसम कार्यालय में तापमान जमीन से 4 फीट की ऊंचाई पर मापा जाता है, ताकि लोगों द्वारा वास्तव में अनुभव किए जाने वाले तापमान का सही अनुमान लगाया जा सके।

