ગાંધીનગરગુજરાત

सीएम का सख्त आदेश बेअसर: गुजरात में ‘मुलाकात के दिन’ मंत्री नदारद, सचिवालय का स्वर्ण संकुल-2 सूना

गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) का मुख्य उद्देश्य जनता के कार्यों में तेजी लाना और सरकारी तंत्र को गतिशील बनाना था, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कड़े आदेश के बावजूद नए मंत्रिमंडल की गंभीरता में कोई खास बदलाव नहीं आया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार और मंगलवार को ‘मुलाकात के दिन’ (Meeting Days) घोषित कर मंत्रियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय (Secretariat) में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था, फिर भी ज्यादातर मंत्री गैरहाजिर (Absent) पाए जा रहे हैं। सोमवार (24 नवंबर) को सचिवालय का स्वर्णिम संकुल-2 सूना दिखा, क्योंकि अधिकांश मंत्रियों ने सीएम (CM) के आदेश की अनदेखी की।

मंत्रियों की इस गैरहाजिरी (Absence) ने प्रशासन के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • मुख्यमंत्री (CM): खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जामनगर (Jamnagar) के दौरे पर थे।

  • उपमुख्यमंत्री: उपमुख्यमंत्री लंदन (London) के दौरे के लिए रवाना हो गए थे।

  • अन्य मंत्री: वन एवं पर्यावरण मंत्री अर्जुन मोढवाडिया समेत कई अन्य मंत्री भी दौरे पर थे।

  • नव-नियुक्त मंत्री: नव-नियुक्त मंत्री अभी भी अपने मतदाताओं के क्षेत्र में अभिनंदन समारोह (Honing Ceremony) से बाहर नहीं आ पाए हैं और चैंबरों से गैरहाजिर हैं।

मंत्रियों की लगातार गैरहाजिरी के कारण विभिन्न प्रश्न लेकर आए मुलाकाती (Visitors) उनसे मिल नहीं पाए और उन्हें राजधानी का चक्कर लगाकर वापस लौटना पड़ा।

  • स्थिति: लोगों को ऑफिस से यह कहकर लौटा दिया गया कि ‘साहब नहीं हैं, बाद में आइए’

  • सीएम का निर्देश: मुख्यमंत्री ने पहली कैबिनेट (Cabinet) बैठक में ही जनता के प्रश्नों के शीघ्र समाधान के लिए सोमवार और मंगलवार को मुलाकात के दिन तय किए थे और इन दो दिनों में बैठकें टालने का आदेश दिया था।

सचिवालय में सूचना बोर्ड (Notice Board) पर निर्देश लगाए जाने के बावजूद, मंत्रियों का रवैया ‘सेठ की सीख जापे तक’ वाली कहावत को सही साबित कर रहा है।

ads image

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *