Gujarat: उत्सवों पर करोड़ों खर्च, मगर पुलिसकर्मियों की सैलरी के लिए ‘ग्रांट’ नहीं
गुजरात सरकार एक तरफ वाइब्रेंट महोत्सव जैसे भव्य आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, वहीं दूसरी तरफ राज्य की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों के वेतन (Salary) के लिए बजट की कमी हो गई है। हाल ही में गृह विभाग के एक पत्र से खुलासा हुआ है कि पर्याप्त ग्रांट उपलब्ध न होने के कारण दिसंबर 2025 के वेतन बिल तय समय सीमा के भीतर ट्रेजरी ऑफिस (Treasury Office) में जमा नहीं किए जा सके हैं। इस प्रशासनिक लापरवाही (Administrative Negligence) के कारण राज्य के हजारों पुलिस कर्मियों के लिए नए साल की शुरुआत आर्थिक तंगी के साथ होने की आशंका है, जिससे पुलिस बेड़े में गहरा असंतोष देखा जा रहा है।
इस ग्रांट की कमी का सीधा असर सभी पुलिस कमिश्नर कार्यालयों, खुफिया विभाग (Intelligence Department), रेलवे पुलिस और जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालयों सहित विभिन्न सशस्त्र इकाइयों पर पड़ेगा। फंड की कमी होने से कर्मचारियों को अपने परिवार के भरण-पोषण और बैंक ऋण की किश्तों (Bank Installments) को पूरा करने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति सरकार की प्राथमिकताओं (Priorities) पर गंभीर सवाल उठाती है कि क्या भव्य कार्यक्रमों की चकाचौंध उन रक्षकों की जरूरतों से ज्यादा महत्वपूर्ण है जो दिन-रात कानून व्यवस्था (Law and Order) बनाए रखने के लिए तैनात रहते हैं।

