ગુજરાત

गुजरात में 9 नई जिला सहकारी बैंकों को हरी झंडी

गुजरात सरकार ने राज्य के सहकारी ढांचे को सशक्त बनाने और दूरदराज के किसानों तक आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं पहुँचाने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय (Historical Decision) लिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य में 9 नई जिला मध्यस्थ सहकारी बैंकों (DCCB) की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प को गति देने के लिए की गई है, जो केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और नाબાર્ડ (NABARD) की ‘अप्रोच नोट’ के आधार पर तैयार की गई है। इस विशेष पहल (Special Initiative) से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं का विस्तार होगा और किसानों को अपनी बैंकिंग जरूरतों के लिए पुराने बड़े जिलों के मुख्यालयों तक लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रशासनिक सुधारों के तहत राज्य की मौजूदा बड़ी सहकारी बैंकों का विभाजन कर नए जिलों में स्वतंत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर साबरकांठा, सूरत, वडोदरा और जामनगर जैसे बैंकों का विभाजन कर अरवल्ली, तापी, छोटा उदेपुर और देवभूमि द्वारका जैसे जिलों के लिए नई बैंकिंग व्यवस्था (Banking System) तैयार की जाएगी। इसी प्रकार जूनागढ़, खेड़ा और वलसाड बैंकों से अलग होकर पोरबंदर, आनंद, डांग और नवसारी जिलों को अपनी स्वायत्त बैंकें मिलेंगी। स्थानीय स्तर पर स्वतंत्र बैंक होने से किसानों को ऋण प्राप्ति (Easy Credit) में आने वाली प्रशासनिक अड़चनें दूर होंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को नई मजबूती मिलेगी, जिससे अंततः राज्य के कृषि क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।

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