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नागरिकता संशोधन विधेयक: मोदी कैबिनेट की बैठक में बिल पास

(मंजिल न्यूज) ता. 04
नई दिल्ही
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर मोदी कैबिनेट की बैठक संसद भवन के एनक्सी बिल्डिंग में शुरू हो चुकी है। आज ही इस बिल को केंद्रीय कैबिनेट मंजूरी दे सकती है। सरकार शीतकालीन सत्र में ही इस बिल को पारित करवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। हालांकि एनआरसी के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक के कई प्रावधानों को लेकर विपक्ष पुरजोर विरोध करने की तैयारी में लगा हुआ है।
इस बिल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संसद में पेश करेंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस बिल का विरोध करेंगे। इससे संसद के दोनों सदनों में हंगामे के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं।
इस बिल में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। बिल का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने इसे संविधान की भावना के विपरीत बताते हुए कहा है कि नागरिकों के बीच उनकी आस्था के आधार पर भेद नहीं किया जाना चाहिए।
एक तरफ विपक्षी दल इस पर कड़ा विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार ने भी इस बिल पर आगे बढ़ने की मंशा जाहिर कर दी है। मंगलवार को हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि यह बिल सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। यही नहीं उन्होंने इस विधेयक की तुलना आर्टिकल 370 को हटाए जाने से भी की। राजनाथ सिंह ने सभी सांसदों से कहा कि होम मिनिस्टर अमित शाह जब इस विधेयक को पेश करें तो सभी लोग सदन में मौजूद रहें। इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तो…
अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी गैरकानूनी प्रवासी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे। इसके अलावा इन तीन देशों के सभी छह धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता पाने के नियम में भी छूट दी जाएगी। ऐसे सभी प्रवासी जो छह साल से भारत में रह रहे होंगे, उन्हें यहां की नागरिकता मिल सकेगी। पहले यह समय सीमा 11 साल थी।

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