सूरत में प्राइवेट अस्पताल ने कोरोना मरीज का शव सड़क पर फिंकवा दिया
महामारी की आपदा के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, ऑक्सीजन और दवाईयों की कालाबाजारी के बीच मानवता को शर्मशार करने वाली घटनाएं भी सामने आ रही हैं। यह मामला गुजरात की डायमंड सिटी सूरत का हैं, जहां एक पिता अपने बीमार बेटे की मौत के बाद एक निजी अस्पताल का बिल नहीं भर पाया तो स्टाफ ने बेटे का शव सड़क पर फिंकवा दिया।
इस हृद्यविदारक घटना के सामने आने के बाद कई लोग लाचार पिता की मदद के लिए आगे आए और इस तरह मामला पुलिस तक पहुंचा। मृतक के पिता का कहना है कि बेटे की मौत के बाद अस्पताल ने शव देने के लिए कहा था कि पहले पूरा बिल भरिए। पिता ने कहा कि वे जल्द ही पैसों का इंतजाम करके बिल भर देंगे, लेकिन स्टाफ ने उनकी एक नहीं सुनी।
तीन दिन में ही तीस हजार से ज्यादा वसूल लिए
मृतक भगवान नायक (36) के पिता त्रिनाथ ने बताया कि बेटे को तीन दिन पहले तेज बुखार आया था। कोरोना के डर के बीच बेटे को अस्पताल में भर्ती करवाया था। यहां एक्स-रे के लिए ही ढाई हजार रुपए जमा करवाने के बाद कहा गया था कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसके बाद दो दिन के दो बार में 20 हजार रुपए जमा करवाए गए। रोजाना 4500 की दवा भी मंगाई गई। इसके बाद भी बेटे की जान नहीं बची।
लाश सड़क पर फिंकवाकर अस्पताल का गेट बंद कर लिया गया
त्रिनाथ जब अस्पताल पहुंचे तो और पैसे जमा करने की बात कही। जब त्रिनाथ ने पैसों का इंतजाम होने के बाद जमा करने की बात कही तो बेटे की लाश अस्पताल के बाहर सड़क पर फिंकवा दी और अस्पताल के गेट अंदर से बंद कर लिया गया। पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।