ગુજરાત

गुजरात: सड़कों पर गड्ढों के बावजूद 5 साल में वसूले ₹8,702 करोड़

गुजरात में नेशनल हाईवे की जर्जर हालत ने वाहन चालकों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं, लेकिन खराब सड़कों के बावजूद टोल टैक्स की वसूली जोरों पर है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में राज्य में वाहन चालकों से ₹8,702 करोड़ की भारी भरकम राशि टोल के रूप में वसूली गई है। इस साल भारी मानसून के कारण अहमदाबाद-हिम्मतनगर हाईवे सहित कई मुख्य मार्ग बुरी तरह धो दिए गए, जिससे सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को गांधीनगर आकर अधिकारियों के साथ बैठक करनी पड़ी और सड़कों की तत्काल मरम्मत (Repairs) के निर्देश देने पड़े। हालांकि, मरम्मत कार्य की धीमी गति और बदहाल रास्तों पर भी वसूले जा रहे टैक्स को लेकर जनता में भारी रोष (Resentment) देखा जा रहा है।

वर्तमान में गुजरात में कुल 62 टोल प्लाजा (Toll Plazas) सक्रिय हैं, जहाँ अलग-अलग वाहनों से ₹70 से लेकर ₹500 तक का शुल्क लिया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020-21 में टोल वसूली ₹1,196 करोड़ थी, जो 2024-25 में बढ़कर लगभग दोगुनी यानी ₹2,113 करोड़ तक पहुँच गई है। इसके अलावा, जिन वाहन चालकों के पास फास्टैग (FASTag) नहीं था, उनसे जुर्माने (Penalty) के तौर पर ₹78.58 करोड़ अतिरिक्त वसूले गए हैं। एक तरफ जहाँ टोल कलेक्शन (Collection) का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ हाईवे का बुनियादी ढाँचा (Infrastructure) और सुरक्षा मानकों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ा आर्थिक और शारीरिक बोझ साबित हो रही है।

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