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Pollution: मुंबई में लागू हुआ GRAP-4, हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंची

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) वर्षों से प्रदूषण की समस्या (Pollution Problem) से जूझ रही है, लेकिन अब आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) भी इस मामले में दिल्ली की कतार में आकर खड़ी हो गई है। मुंबई में प्रदूषण का स्तर (Pollution Level) खतरनाक हद तक बढ़ने और हवा के ‘खराब’ (Poor) तथा ‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी में पहुँचने के कारण, शहर भर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP – ग्रेप) के चौथे चरण (Phase-IV) की कड़ी पाबंदियाँ (Strict Restrictions) लागू कर दी गई हैं। आमतौर पर समुद्र तट (Sea Coast) पर होने के कारण मुंबई में प्रदूषण कम रहता था, लेकिन अब वहाँ भी बढ़ती समस्या ने चिंताएँ (Concerns) बढ़ा दी हैं।

मुंबई के कई इलाकों जैसे मजगाँव (Mazgaon), देवणार (Deonar), मलाड (Malad), बोरीवली ईस्ट (Borivali East), चकाला-अंधेरी ईस्ट (Chakala-Andheri East), नेवी नगर (Navy Nagar), पोवई (Powai) और मुलुंड (Mulund) में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) चिंताजनक स्तर पर पहुँच गई है। इन पाबंदियों को लागू करने के बाद भी मुंबई का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 187 दर्ज किया गया, जो ‘अनहेल्दी’ (Unhealthy) कैटेगरी में आता है। यह दर्शाता है कि बढ़ते निर्माण कार्य (Construction) और वाहनों के उत्सर्जन (Vehicular Emission) ने तटीय शहर मुंबई के पर्यावरण (Environment) को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

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