शिक्षा विभाग में 10 साल पुराने कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी होंगे परमानेंट, सरकार ने मांगी डिटेल
नई दिल्ली :
शिक्षा विभाग में स्वीकृत पदों पर 10 साल से काम कर रहे कर्मचारी अब स्थायी किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों से तुरंत प्रभाव से अनुबंध पर लगे ऐसे कर्मचारियों के नाम और ज्वॉइन करने की तिथि सहित अन्य जानकारी मांगी गई हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को अमलीजामा पहनाने की कवायद में शिक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है। वर्ष 2007 में लगे कुछ पार्ट टाइम कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को पक्का करने की मांग की थी। कोर्ट ने इन कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए सरकार से उन्हें नियमित करने तथा देरी पर 25 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति के निर्देश दिए हैं।
दो साल का वोकेशनल कोर्स
हरियाणा में पूर्व में जहां नौवीं से बारहवीं तक सीधे चार वर्षीय वोकेशनल कोर्स कराए जा रहे थे, वहीं अब नौवीं से दसवीं तक और फिर ग्यारहवीं से बारहवीं तक दो-दो साल का कोर्स होगा। 1065 सरकारी स्कूलों में 14 तरह के कोर्स कराए जाते हैं। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर यह बदलाव किया है।
ट्यूशन फीस कम करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र
गुरुग्राम (का.सं.)। गुरुग्राम अभिभावक संघ ने ट्यूशन फीस कम करने के लिए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। ई-मेल और सोशल मीडिया के माध्यम से संघ ने सरकार के सामने अपनी परेशानियों को रखा । अभिभावक संघ का कहना है कि अधिकतर लोग मध्यम वर्ग से आते हैं। इस दौरान सबका काम बंद हो गया है।
नौकरीपेशा वालों को भी 50 फीसदी तक वेतन में कटौती कर दी गई। ऐसे में स्कूलों से ली जा रही फीस में भी कटौती की जाए ताकि अभिभावक ऐसे आसानी से दे सके। हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश तो जारी कर दिए गए हैं लेकिन कई प्वाइंटस स्पष्ट न होने के कारण स्कूलों की ओर से उन्हें अनदेखा किया जा रहा है। काफी कंपनियों ने अपने यहां कर्मचारियों की छटनी शुरू कर दी है।
गुरुग्राम अभिभावक संघ से जुड़े हिमांशु शर्मा, प्रदीप रावत, सुनील शर्मा और अमित चौधरी समेत अन्य अभिभावक मिलकर इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। जिसमें अभिभावकों ने अपनी तीन मांगों को रखा है। अभिभावक हिमांशु शर्मा ने बताया कि सरकार से मुख्य तीन निवेदन किये है कि ट्यूशन फीस में 50 प्रतिशत की रियायत दिलवाई जाएं। ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फंड को इस वर्ष के लिए स्थगित कर दिया जाए। वार्षिक फीस को भी इस बार नहीं लिया जाना चाहिए।