जीएसटी संग्रह 1.86 लाख करोड़ तक पहुंचा: अगस्त 2024 की तुलना में 6.5% की वृद्धि
अहमदाबाद: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के अगस्त 2025 के संग्रह में ₹1.86 लाख करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़ा अगस्त 2024 के ₹1.75 लाख करोड़ के संग्रह की तुलना में 6.5% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, जुलाई 2025 के ₹1.96 लाख करोड़ के रिकॉर्ड संग्रह से यह थोड़ा कम है।
जीएसटी संग्रह में इस वृद्धि का मुख्य कारण रिफंड में कमी है। अगस्त में जीएसटी रिफंड घटकर ₹19,359 करोड़ हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% की गिरावट है। इसके परिणामस्वरूप, रिफंड के बाद के संग्रह में 10% से अधिक की वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु:
- राज्यों का योगदान: जीएसटी राजस्व में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने कुल संग्रह में 33% का योगदान दिया है।
- आयात शुल्क में कमी: दूसरी ओर, आयात शुल्क से राजस्व ₹50,000 करोड़ से घटकर ₹49,300 करोड़ हो गया है।
- निर्यातकों के रिफंड में गिरावट: अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध के प्रभाव के कारण निर्यातकों के रिफंड में भी 18% की कमी आई है। इस चुनौती का सामना करने के लिए भारत सरकार अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- महंगाई का प्रभाव: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में कमी आने से भविष्य में जीएसटी संग्रह पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।
- त्योहारों की उम्मीद: नवरात्रि और दिवाली जैसे आगामी त्योहारों के कारण, अगले कुछ महीनों में जीएसटी संग्रह में वृद्धि होने की संभावना है।
यह ध्यान देने योग्य है कि अप्रैल 2025 में जीएसटी का अब तक का सबसे अधिक संग्रह, ₹2.37 लाख करोड़ हुआ था।