गांधीनगर की हरियाली पर खतरा: 400 से अधिक पेड़ काटने की जटिल प्रक्रिया के कारण काम शुरू होने में देरी की आशंका
गांधीनगर और उसके आसपास के इलाके में बढ़ते ट्रैफिक को कम करने के लिए सड़कों को चौड़ा करने की योजनाएं शुरू की गई हैं। इसमें च-0 सर्कल से इंदिरा ब्रिज तक सर्विस रोड को चौड़ा करने की योजना शामिल है। हालांकि, इस योजना में मुख्य चिंता का विषय यह है कि सर्विस रोड को टू-लेन से फोर-लेन करने की कवायद में 400 से अधिक पेड़ों की बलि चढ़ने की आशंका है।
स्थानीय निवासियों और नेताओं द्वारा तेज ड्राइविंग के कारण हो रहे हादसों और मानव मृत्यु की घटनाओं के बाद सड़क को चौड़ा करने की मांग तेज हुई थी। शहरी प्रशासन द्वारा इस सर्विस रोड को चौड़ा करने के लिए लगभग ₹200 करोड़ का खर्च अनुमानित किया गया है।
इस विकास कार्य में 400 से अधिक पेड़ बाधा बन रहे हैं, जिन्हें काटना जरूरी होगा। गांधीनगर में जब भी पेड़ काटने की बात आती है, तो पर्यावरण प्रेमियों द्वारा विरोध किया जाता है। अब ‘विकास और पेड़ों का संरक्षण’ एक ही सिक्के के दो पहलू बन गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी, जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के कारण सड़क चौड़ीकरण का जमीनी काम कब शुरू होगा, इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।